अंतरराष्ट्रीय मानकों के आरोप अनुरूप तैयार होंगे स्वास्थ्य पेशेवर

Health professionals will be Prepared

Health professionals will be Prepared

: मोदी सरकार का एक कानून लेगा देश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव
: मॉडल पाठ्यक्रम लागू होने से देश में स्वास्थ्य पेशावरों की पढ़ाई में आएगी एकरूपता
: फिजियोथैरेपिस्टों की बढ़ेगी गरिमा, नाम के आगे लगा सकेंगे डॉक्टर 

चंडीगढ़। Health professionals will be Prepared: रोगों की बढ़ती व्यापकता और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता की चुनौती को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार ने कमर कस ली है।राष्ट्रीय सम्बद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग कानून 2021 को जमीनी आधार देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य पेशावर तैयार करने के लिए मॉडल पाठ्यक्रम लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसे वर्ष 2026-27 से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इससे विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की जरूरत के अनुरूप स्वास्थ्य पेशेवर तैयार किए जाएंगे।

हरियाणा चार्टर्ड एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आरके मुदगिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की स्वास्थ्य सेवाओं व स्वास्थ्य पेशेवरों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की जो जरूरत कोरोना कल में महसूस हुई थी, उसे जमीनी आधार देना जल्द ही सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सम्बद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा आयोग व्यवसाय आयोग कानून 2021 के लागू होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चरणबद्ध तरीके से बदलाव किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि देश में 55 अलग-अलग प्रकार की पेशेवर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केंद्र व राज्य स्तर पर इकाइयों के न होने के कारण यह बदलाव संभव नहीं हो पा रहा था। इसका निदान करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हेल्थ एंड एलाइड हेल्थ केयर कानून 2021 के तहत केंद्रीय आयोग का गठन किया गया और राज्यों को इसी क्रम में परिषद गठित करने के निर्देश दिए गए। मंत्रालय का मकसद अलग-अलग प्रकार के 55 स्वास्थ्य पेशेवरों को 10 श्रेणियां फिजियोथैरेपी, अप्लाइड साइकोलॉजी और व्यावहारिक स्वास्थ्य, ऑटोमेट्री, पोषण और आहार विज्ञान, डायलिसिस थेरेपी प्रौद्योगिकी और डायलिसिस थेरेपी, रेडियोथैरेपी प्रौद्योगिकी, मेडिकल रेडियोलॉजी और इमेजिंग प्रौद्योगिकी, एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन और फिजिशियन एसोसिएट्स को विस्तृत तौर पर शामिल किया गया है। सरकार का मकसद इन सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को समय के अनुरूप तैयार करने उनकी चुनौतियों के अनुरूप समय-समय पर बदलाव करने के लिए केंद्र व राज्य स्तर पर परिषद गठन में एकरूपता लाना भी है, ताकि भविष्य की जरूरत के अनुरूप देश की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को बेहतर व पेशेवर बनाया जा सके।

डॉ आरके मुदगिल ने बताया कि एक देश एक पाठ्यक्रम को आगे बढ़ते हुए मोदी सरकार ने वर्ष 2026-27 की शैक्षणिक सत्र में इनमें से पांच श्रेणियां में सरकारी व निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी को अनिवार्य करते हुए सुधारात्मक कदम उठाए हैं। उन्होंने खुशी जताई कि देश में फिजियोथेरेपी का मॉडल पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है और पूर्व की तकनीकी अड़चन को दूर करते हुए स्नातक उपरांत 4 वर्ष की डिग्री व1 साल की इंटर्नशिप का मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया तकनीकी अड़चन व प्रदेश स्तर पर फिजियोथैरेपी परिषदों की कार्य प्रणाली में एकरूपता ने होने के कारण जहां महाराष्ट्र में गुजरात में फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते थे, लेकिन दिल्ली हरियाणा समेत कई राज्यों में ऐसा नहीं था। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए मॉडल पाठ्यक्रम में यह सुनिश्चित किया गया है कि अब फिजियोथैरेपिस्ट अपने नाम के आगे डॉक्टर व नाम के पीछे पीटी लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे फिजियोथैरेपी क्षेत्र की गरिमा बढ़ेगी और इसमें युवाओं के रुझान में भी बढ़ोतरी होगी।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आर के मुदगिल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई कि प्रदेश में मौजूदा हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर फिजियोथेरेपी का भी जल्द से जल्द विलय करके केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल के निर्माण में तेजी लाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सम्बद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद एक वैधानिक निकाय है जिसका उद्देश्य सम्बद्ध और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए पेशेवर आचरण, योग्यता और शिक्षा को विनियमित करना है, साथ ही संस्थानों में सेवा मानकों की एकरूपता प्रदान करना है। इससे हरियाणा के फिजियोथेरेपी चिकित्सकों और विद्यार्थियों को भी राष्ट्रीय ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।